घूंघट के पीछे की थकान

हम थक चुके हैं
एक लड़की बन कर
हम थक चुके हैं
बार बार खु़द के सपनों
पर पर्दा कर कर

बालों को संवारना हमें
अच्छा लगता है
सुन्दर दिखना अच्छा लगता है
 लेकिन 
हम थक चुके हैं
बार बार उस चेहरे को ढक कर

हम भी खुले आसमान में उड़ने की चाह रखते हैं
खुद को आगे बढ़ाने की उम्मीद रखते हैं
लेकिन हम थक चुके हैं बार बार सुन कर 
की तुमसे कुछ नहीं हो पाएगा 

यूं तो कहने को तो हम
आज़ाद पंछी हैं , जो चाहे कर सकते हैं
लेकिन हम थक चुके हैं 
हर चीज की इजाजत ले ले कर

कुछ खोवाहिसशें हमारी भी है 
कुछ इरादे हमारे भी है 
लेकिन हम थक चुके है 
हर रोज़ एक ही ज़िम्मेदारी उठा कर

अपने सोने के पिंजड़े की रानी है हम
अब आज़ाद रहना चाहते है 
खुले आसमान में पंख पसारना चाहते है 
क्युकी थक चुके हैं इस पिंजड़े की रानी बन कर





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