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खुले समुंदर की लहरों पर मुझे चलने दो
कहना चाहती है वो मुझसे कुछ …ज़रा सुन लेने दो
साथ चलना है तो चलो
वरना रहने दो
देखो नज़ारा कितना खूबसूरत है
ज़रा देख लेने दो
सिर्फ़ अपना ही सुनाओगे ?
हमे भी कुछ कह लेने दो ! Suprings.
ख़ामोश नज़ारा है बस लहरों की अवाज है
मेरी चूड़ी को छनक और पायल की झंकार है
मुकुराते हो देख कर मुझको
तुम्हारा भी क्या खूब अन्दाज़ है
मुझे लड़ना है इन लहरों से
इनके आग़ोश में शमाना है
मैं जाती हूँ क़रीब तो चली जाती है ये दूर
क्या कहूँ इनका भी अपना एक अलग बहाना है
दूर है सबसे समुंदर की दुनिया में
जहां सिर्फ़ लहरों का आना जाना है
लूट लो इस पल की खामोशी को
क्यूकी यहाँ से दूर बड़ा ही बेरहम जमाना है …
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