मंजिल का एक रास्ता

तू हारा नहीं है 
अपने हौसले तो बुलंद कर
गिरेगा १०० दफा 
अपने उन्हीं रास्तों पर

चल कर देख ज़रा चार कदम दूर 
कठिनाइयां आयेंगी बहुत 
जो कोशिश करेंगी तेरे सपनों को
करने की चुर चूर 

मेहनती लोगो की हार नहीं होती 
देर से सही लेकिन मंज़िल हाथ जरूर होती 
रास्ता भटकना नहीं डटे रहना 
मुश्किल हजार आए लेकिन खुशियों की सुबह जरूर होती

हिम्मत रख ये रात कट जाएगी 
एक बार फिर सुबह हो जाएगी 
सूरज की नई किरण के साथ 
तेरी ज़िन्दगी भी बदल जाएगी

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