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तड़पती रूह को उम्मीद की एक झलक दिख जाए उसमें सुकून कुछ और ही है
अंधेरे कमरे में अगर रोशनी की एक किरण दिख जाए
तो उस किरण की बात कुछ और ही है
लिखना तो और भी बहुत कुछ है
लेकिन पड़ने वाला कोई नहीं
वरना चेहरे पर जो है वो तो है ही
लेकिन इस दिल की किताब में लिखा कुछ और ही है
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