प्रेम दीवानी


मै उनकी दीवानी हो गई
मन में उनका एक ख्याल क्या आया
समझ ना आया कि कब दिन से रात हो गई

उनकी एक मुस्कान के लिए
अपनी जान को भी कर दू घायल
उनके बारे में क्या ही बोलूं
मै तो उनकी हर एक अदा की कायल हो गई

दूर जाना भी उनका बर्दाश्त
के बाहर होता है 
उनसे दूर क्या काटी  एक रात
मेरी आंखो से आंसुओ की बरसात हो गई

हवाओं में आती है खुश्बू उनकी
अपने ही चेहरे में देखती हूं तस्वीर उनकी
रूह पर अपनी उनका नाम लिख के
मै तो उनके प्यार में बावरी हो गई

मेरी ख्वाहिशों के सागर का किनारा है वो
मेरी उमीदों का सहारा है वो
अपना सब कुछ लुटा दिया उन पर
अब कुछ ना रहा क्यंकि 
मेरी ज़िन्दगी ही उनके नाम हो गई






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