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जो तुझे तोड़ कर चूर कर देंगी
तू बार बार शुरुआत करेगा
लेकिन मुश्किलें तुझे पीछे धकेल देंगी
हार कर थक जाएगा
तो सब कुछ खो देगा
पीछे मुड़कर जब कभी देखेगा
तो यकीन मान तू रो देगा
ऐसे बैठ गया बिना कुछ किए
तो हार जाएगा
चुनौतियों का सामना करेगा
तो ज़िन्दगी जी जाएगा
विश्वास कर खुद पर
और याद रख, गिर कर ही चलना सीखा है
हाथ थाम ले खुद का
क्यूंकि दूसरे के विश्वास का स्वाद तो तीखा है
आगे क्या होगा कल किसने देखा है
तो मेहनत के पसीने से लिख दे आज को
पार कर जाएगा हर एक मुश्किल को
जैसे कि वो कोई एक मामूली रेखा है
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