साक्षात् दुर्गा रूप

" नवरात्रि" 
यानी ९ रात्रि
 
जिन्हें हम सब मां दुर्गा की आराधना में बिताते हैं
इन ९ दिन हम सभी GODDESS DURGA की पूजा करते हैं और उनकी भक्ति में डूबे रहते हैं

और आखरी दिन कन्या पूजन करते है.. 

जिस देश में कन्या को माता रानी का रूप मान कर  पूजा जाता है
तो उस देश में लड़की की इतनी बुरी हालत क्यों? 

आखिर क्यों इस देश में माता रानी का रूप मान कर पूजी जाने वाली लड़कियां असुरक्षित है ? 

क्यों औरतों पर इतना अत्याचार होता है ? 

जानते हैं क्यों ? 

क्यूंकि हम सारी ज़िन्दगी अपनी बेटियों को सिखाते रहते है कि
बाहर अच्छे से रहो , सही से बैठो , लड़को से बात मत करो , उनकी तरफ ज्यादा मत देखो , लड़को से दोस्ती मत करो.... और भी बहुत कुछ
 
और लड़कियों को ये सब सिखाते सिखाते भूल जाते है अपने लड़को को सीखना की  लड़कियों की तरफ गंदी नजरों से मत देखो , लड़की कोई खिलौना नहीं वो भी इंसान है हमारी तरह , उसकी भी ज़िंदगी है , उसकी भी इज्जत है  तो उसकी इज्जत करो जैसे अपनी मां और बहन की करते हो

अगर लड़की किसी लड़के को दोस्त बनाती है तो घर में भूचाल आ जाता है 
लेकिन वहीं अगर कोई लड़का, लड़की से दोस्ती करें तो घर में खुशी , हसी  और मज़ाक का माहौल हो जाता है । 

बस यही भेदभाव कहीं ना कहीं बढ़ावा देता है।

अगर लड़की को सिखाते है तो लड़के को भी सिखाओ. 

"अगर लड़के की तरफ देखना गलत है तो लड़की की तरफ भी देखना गलत है"

लड़के को दुनियादारी सिखाते है तो लड़की को रसोई संभालना .. आखिर क्यों लड़की को दुनियादारी नहीं सिखाई जाती ? 

उसे भी इसी समाज में जीना है 

अब आप सोच रहे होंगे ये सब पुराने जमाने की बातें हैं हमारे घर में तो ऐसा नहीं होता । 
अच्छा है अगर आपके घर ऐसा नहीं होता

लेकिन आप ये नहीं जानते की भविष्य में क्या लिखा है? 

तो क्या आपके घर की लड़की आत्म सुरक्षा करना जानती है ? 

अब जवाब आयेगा " नहीं " 

लड़की को जितना अच्छे से रसोई का चमचा चलाना सिखाते है उससे भी कहीं गुना अच्छे से हाथ पैर चलाना भी सिखाओ 

जिससे जरूरत पड़ने पर खुद की रक्षा कर सके वो 
अब ये वो जमाना है जहां लड़कियां अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है

"नवरात्रि में लड़की को मां दुर्गा मान कर पूजते है , उसे सिर्फ दुर्गा मानो मत उसको साक्षात् दुर्गा बनाओ 
जिससे जरूरत पड़ने पर वो मां काली का अवतार ले खुद की रक्षा कर सके..





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