Bas fir kya !!

Bas fir kya !!

Bas fir kya !! Ek or mulakat ko taras gaye  Ek or ezhaar ko taras gaye  Teri raah Dekhte hi dekhte Lamhe badal gaye  Or hum jaha the wahi ke wahi reh gaye  Bas fir kya  Pahra bithaya hai usne saya par bhi apne Or hum ek jhalak

मैं तुम और समुद्री किनारा

मैं तुम और समुद्री किनारा

खुले समुंदर की लहरों पर मुझे चलने दो  कहना चाहती है वो मुझसे कुछ  …ज़रा सुन लेने दो  साथ चलना है तो चलो  वरना  रहने दो देखो नज़ारा कितना खूबसूरत है  ज़रा देख लेने दो  सिर्फ़ अपना ही सुनाओगे ?  हमे भी कुछ कह लेने दो  ! Suprings.

ख़्वाबों का रिश्ता

ख़्वाबों का रिश्ता

आओ तुम्हे कुछ बताते है दिल खोल कर आज कुछ कहते है हां तो सुनो बात कुछ ऐसी है दुनिया की  उल्झनों में उलझे है परफिर भी तुम्हारे साथ चलना  चाहते है नियति तो यही है की साथ नही है तुम कहां और मैं कहां हमारा कोई मेल नहीं है फिर भी दिल का

बस यूं ही अच्छा लगता है ❤️

बस यूं ही अच्छा लगता है ❤️

तुम को देखना तुम्हारी बातों में खोनाहाथ थाम के बैठे रहनाबस यूं ही... अच्छा लगता है सब कुछ सही हैसब सलीके से है फिर भी बहाने से तुम्हारे बालों को ठीक करनाबस यूं ही .....  अच्छा लगता है उल्टे सीधे मजाक करना तुम्हे हंसाने का बहाना ढूंढनातुम्हे मुस्कुराते देखनाबस यूं ही .....  अच्छा

रात के अनकहे अल्फाज

रात के अनकहे अल्फाज

रात के अंधेरों में ख्वाब बुन रही हूं मैंआंखे है खुली और सपने देख रही हूं मैंबांहे खोले खड़ी हूं रास्ते मेंक्योंकि किसी बड़ी खुशी का इंतजार कर रही हूं मैंअंधेरा और भी घना हो रहा है कोहरा और भी बड़ रहा है बदलो की काली घटा छाई है और चांद

खामोशी की वजह

खामोशी की वजह

दिल की गहराइयों में ढूंढ रही हूं कुछ मन को शांत कर केमिल जाए सुकून शायद इसलिए मैं खामोश हूंकहना बहुत हैपर पता नही किस बात का डर हैशायद समझ जाए कोई खामोशी इसलिए मैं खामोश हूंलफ्ज़ हो गए हैं गुम और आंखों में पानी है छलक न जाएं कही ये आसूंइसलिए मैं

❣️ कान्हा ❣️

❣️ कान्हा ❣️

कृष्णा राधा के प्रेमी भी है तो रुक्मणि के प्राणाधार भी है सुदामा के मित्र भी है तो पार्थ के सखा भी है वो यशोदा के लाल भी है और देवकी के नंदन भी है एक हाथ में बांसुरी है तो एक हाथ में लड्डू भी है मीरा की भक्ति जिनसे है वो उद्धव के ईस्ट भी है गोकुल

वो और उसकी जिंदगी

वो और उसकी जिंदगी

उसके जीने की वजह सदियों पहले मिट गईसीने में जो आग थी वो भी कब की बुझ गईसपना देखा था छोटा सा कोईपर अब तो वो उसको भी भूल गईसब उससे आगे निकल गएलेकिन वो जहां थी वही की वहीं रह गईइतना पीछे है की आगे सब सूनसान है और बिना

बस इतना सा कर लो

बस इतना सा कर लो

जिंदगी चलती रहेगी तुम बस अपने जीने की वजह पकड़  लो ये वक्त यूं ही निकल जायेगा तो क्यों न इस वक्त का थोड़ा सा इस्तेमाल कर लो ? प्रतियोगिता का जमाना है ,जीतना जरूरी है तुम मेहनत से पढ़ कर अपना मुकाम हासिल कर लो अभी तक जिया ही कितना है , बहुत

दिमाग से अपाहिज

दिमाग से अपाहिज

अरे उनकी बातों का क्या बुरा मानना जो मां बाप के सगे नहीं अनसुना बात की कर दो उनकी क्युकी इस से ज्यादा उनके बस की कुछ और है भी नहीं बस में अपने रहते नहीं दिन रात बस भौंकते है दूसरों को भला बुरा कह करखुद को न जाने क्या समझते है २ कौड़ी की

संकट की घड़ी

संकट की घड़ी

चारो तरफ मौत तांडव कर रही है ये कैसा दौर आया हैइस देश  पर देखोये कैसा कोरोना का संकट आया है हर तरफ हा हा कार है शमशान में भी जगह नहीं और लाशों के ढेर पर मौज कर रही सरकार है सबको आत्मनिर्भर बना करअब लाशों का ढेर जोड़ रहे हैदेश पर इतना

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